Wednesday, May 11, 2016

बड़ी खबर! विजय माल्या को निर्वासित नहीं करेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन सरकार का जवाब भारत द्वारा उनके निर्वासन के लिए आग्रह किए जाने के लगभग एक पखवाड़े बाद आया है। धन शोधन रोकथाम कानून 2002 के तहत जांच में उनकी मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए भारत ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था। माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि ब्रिटेन सरकार ने हमें सूचित किया है कि 1971 के आव्रजन कानून के तहत यदि किसी व्यक्ति के पास ब्रिटेन में प्रवेश करते समय वैध पासपोर्ट हो तो ब्रिटेन को इस बात की आवश्यकता नहीं है कि देश में उसके रहने के दौरान भी उसके पास वैध पासपोर्ट हो।
उन्होंने कहा कि साथ ही, ब्रिटेन ने आरोपों की गंभीरता को माना और भारत सरकार की मदद करने की इच्छा दिखाई। उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि वे पारस्परिक कानूनी सहायता या प्रत्यर्पण के आग्रह पर विचार कर सकते हैं। 
प्रत्यर्पण भारत और ब्रिटेन के बीच 1993 की संधि या 1992 में हस्ताक्षरित पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलटीए) के तहत आवश्यक किसी अन्य सहायता के अंतर्गत हो सकता है। हालांकि, भारत चाहता था कि 9,400 करोड़ रुपए के बैंक ऋण डिफॉल्ट के आरोपों का सामना कर रहे शराब कारोबारी को निर्वासन के त्वरित मार्ग से वापस लाया जाए, न कि प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया के जरिए।

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